नई शिक्षा नीति 2020 और मूल्य शिक्षा

Main Article Content

डॉ. सचिन शर्मा

Abstract

नई शिक्षा नीति 2020 भारत की शिक्षा प्रणाली में एक युगांतरकारी बदलाव का संकेत है, जिसका उद्देश्य शिक्षा को केवल ज्ञानार्जन तक सीमित न रखकर विद्यार्थियों के समग्र विकास की दिशा में ले जाना है। इस नीति में मूल्य शिक्षा को एक मूलभूत एवं अनिवार्य तत्व के रूप में समाहित किया गया है, जिसे शिक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग माना गया है। यह केवल एक विषय के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसी दृष्टिकोण के रूप में उभरता है, जो शिक्षार्थियों को जीवन में आवश्यक नैतिक, मानवीय और सामाजिक मूल्यों को आत्मसात करने की प्रेरणा देता है। मूल्य शिक्षा के अंतर्गत छात्रों को सत्यनिष्ठा, करुणा, सहयोग, सहिष्णुता, सामाजिक उत्तरदायित्व, पर्यावरणीय चेतना, सेवा भाव और अनुशासन जैसे गुणों को व्यवहार में उतारने की शिक्षा दी जाएगी। इसके माध्यम से शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री और नौकरी तक सीमित न रहकर चरित्र निर्माण और नागरिक चेतना को प्रबल करना होगा। नई शिक्षा नीति यह मानती है कि एक शिक्षित नागरिक वही है, जो न केवल ज्ञानवान हो, बल्कि संवेदनशील, सहृदय, और न्यायप्रिय भी हो। नीति यह भी स्पष्ट करती है कि मूल्य शिक्षा को केवल औपचारिक पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसे सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों जैसे समूह चर्चा, समाज सेवा, योगाभ्यास, नाट्य मंचन, नैतिक कहानियों, अनुकरणीय व्यक्तित्वों की जीवनियाँ, ध्यान एवं आत्मचिंतन के माध्यम से बच्चों की दिनचर्या का भाग बनाया जाएगा। इसके अलावा, भारतीय संस्कृति, दर्शन और आध्यात्मिक परंपराओं को शिक्षा प्रणाली में पुनः प्रतिष्ठित करने का प्रयास किया गया है, जिससे विद्यार्थी अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रति भी गर्व महसूस कर सकें। शिक्षकों को इस दिशा में मूल्य शिक्षा प्रदाता के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा, जो स्वयं अपने आचरण, भाषा और दृष्टिकोण से छात्रों के लिए नैतिकता के जीवंत उदाहरण बन सकें। साथ ही, मूल्य आधारित मूल्यांकन प्रणाली का भी सुझाव दिया गया है, जिससे छात्र केवल अंक नहीं, बल्कि जीवन की उपयोगी समझ भी प्राप्त करें। नई शिक्षा नीति 2020 यह स्वीकार करती है कि केवल तकनीकी और अकादमिक दक्षता से समाज का समुचित विकास नहीं हो सकता, जब तक कि नागरिकों में मूल्यों की समझ और उनके प्रति आचरण न हो। इसलिए यह नीति एक ऐसी पीढ़ी के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करती है जो ज्ञानवान होने के साथ-साथ चरित्रवान, कुशल होने के साथ-साथ संवेदनशील, और सफल होने के साथ-साथ सच्चरित्र हो।

Article Details

How to Cite
डॉ. सचिन शर्मा. (2025). नई शिक्षा नीति 2020 और मूल्य शिक्षा. International Journal of Advanced Research and Multidisciplinary Trends (IJARMT), 2(2), 949–955. Retrieved from https://www.ijarmt.com/index.php/j/article/view/353
Section
Articles

References

ण् नीति आयोग. स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स भारत सरकार, 2021.

ण् दुरईसामी, दिव्या. “एनईपी 2020 में अनुभवात्मक अधिगम केरल में प्रबंधन शिक्षा की रोजगारपरकता की एक झलक.” रिसर्चगेट, 2023.

ण् “एनईपी 2020 के संदर्भ में अनुभवात्मक अधिगम का जीवन्तकरण.” इंडियन जर्नल ऑफ इंडियन साइकोलॉजी (प्श्रप्च्), खंड 12, अंक 1, 2024, पृ. 150-159.

ण् “एनईपी 2020 के लिए मूल्य-आधारित शिक्षा की प्रासंगिकता.” इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एडवांस्ड मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म, खंड 5, अंक 1, अप्रैल 2025, पृ. 60-62.

ण् सिंह, ऋतु. “विद्यालय पाठ्यक्रम में मूल्यों का समावेशरू समय की आवश्यकता.” एजुकेशनल क्वेस्ट, खंड 11, अंक 3, 2020, पृ. 185-190.