मनरेगा योजना का राजस्थान में सामाजिक वातावरण पर प्रभाव

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प्रकाश चंद यादव

Abstract

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ने राजस्थान में सामाजिक वातावरण पर गहरा प्रभाव डाला है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करके आर्थिक असमानता को कम करने का साधन बनी है। सूखा और जल संकट से जूझते राजस्थान के लिए मनरेगा ने जल संरक्षण, भूमि सुधार और सामुदायिक विकास परियोजनाओं के माध्यम से न केवल रोजगार के अवसर सृजित किए, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन को भी बेहतर बनाया। इस योजना ने महिलाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार में भागीदारी देकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया, जिससे उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ। जातिगत भेदभाव में कमी और सामुदायिक समरसता को बढ़ावा देना भी इसका एक महत्वपूर्ण प्रभाव है। सामूहिक कार्यों में सभी वर्गों और समुदायों के लोगों की भागीदारी ने सामाजिक एकता को मजबूत किया है। इसके अतिरिक्त, योजना ने पलायन की दर को कम करते हुए ग्रामीण श्रमिकों को उनके गांवों में रोजगार प्रदान किया। समय पर मजदूरी और पारदर्शी भुगतान प्रणाली ने मजदूरों के जीवन स्तर में सुधार किया है। मनरेगा ने न केवल रोजगार सृजन किया है, बल्कि ग्रामीण समाज में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की नींव रखी है, जिससे राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में दीर्घकालिक विकास और सामाजिक समावेशन को प्रोत्साहन मिला है।

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How to Cite
प्रकाश चंद यादव. (2025). मनरेगा योजना का राजस्थान में सामाजिक वातावरण पर प्रभाव. International Journal of Advanced Research and Multidisciplinary Trends (IJARMT), 2(1), 52–68. Retrieved from https://www.ijarmt.com/index.php/j/article/view/41
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