वृद्धजन की सामाजिक स्थिति: सामाजिक उपेक्षा और समर्थन के सैद्धांतिक पहलू
Main Article Content
Abstract
यह शोध पत्र वृद्धजन की सामाजिक स्थिति का समाजशास्त्रीय विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जिसमें उनकी सामाजिक उपेक्षा और समर्थन की चुनौतियों को सैद्धांतिक ढाँचे में समझने का प्रयास किया गया है। आधुनिक समाज में शहरीकरण, औद्योगीकरण, परिवार की संरचना में बदलाव और उपभोक्तावादी जीवनशैली ने बुज़ुर्गों की भूमिका और स्थिति को हाशिए पर पहुँचा दिया है। पारंपरिक संयुक्त परिवारों की टूटन और व्यक्तिगत जीवन मूल्यों में वृद्धि के कारण वृद्धजन सामाजिक, आर्थिक और भावनात्मक दृष्टि से उपेक्षित होते जा रहे हैं।
इस शोध पत्र में संरचनात्मक-कार्यात्मक सिद्धांत के माध्यम से यह विश्लेषण किया गया है कि वृद्धजन समाज की स्थिरता और पीढ़ीगत ज्ञान हस्तांतरण में कैसे योगदान करते हैं, जबकि उनके प्रति सामाजिक उपेक्षा समाज की संरचना में असंतुलन को दर्शाती है। वहीं संघर्ष सिद्धांत वृद्धजन को आर्थिक उत्पादन से बाहर कर दिए गए वर्ग के रूप में देखता है, जिन्हें संसाधनों और सम्मान से वंचित कर दिया जाता है। प्रतीकात्मक अन्तःक्रिया सिद्धांत वृद्धों की आत्म-पहचान और सामाजिक भूमिका के क्षरण को उजागर करता है।
यह शोध पत्र यह भी बताता है कि वृद्धजन के लिए सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर कई कल्याणकारी योजनाएँ हैं, जैसे राष्ट्रीय वृद्धजन नीति, पेंशन योजना, वरिष्ठ नागरिक कार्ड इनज इनकी पहुँच और प्रभावशीलता सीमित है। सामाजिक समर्थन तंत्र जैसे परिवार, समुदाय और सामाजिक संस्थाएँ यदि सक्रिय भूमिका निभाएँ, तो वृद्धजन की गरिमा पूर्ण जीवन की संभावनाएँ सशक्त हो सकती हैं।
Article Details

This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial 4.0 International License.
References
चैधरी, पी.डी., 2005, एजिंग एंड द इंडियन सोसायटी, रावत पब्लिकेशस, जयपुर, पृ॰सं॰ 44
भारत की जनगणना, 2011, भारत सरकार, नई दिल्ली
पार्सन्स, टी., 1951, द सोशल सिस्टम, फ्री प्रेस, न्यूयॉर्क, पृ॰सं॰ 279
भारत की जनगणना, 2011, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इडिया, नई दिल्ली
चैधरी, पी.डी., 2005, एजिंग एंड द इंडियन सोसायटी, रावत पब्लिकेशस, जयपुर, पृ॰सं॰ 66
पार्सन्स, टी., 1951, द सोशल सिस्टम, फ्री प्रेस, न्यूयॉर्क, पृ॰सं॰ 282
टाउनसेड, पी., 1981, द स्ट्रक्चर्ड डिपेंडेंसी ऑफ द एल्डरली, एजिंग एंड सोसायटी, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, पृ॰सं॰ 12
चैधरी, पी.डी., 2005, एजिंग एंड द इंडियन सोसायटी, रावत पब्लिकेशस, जयपुर, पृ॰सं॰ 85
टाउनसेड, पी., 1981, द स्ट्रक्चर्ड डिपेंडेंसी ऑफ द एल्डरली, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, पृ॰सं॰ 15
एनएसओ, 2021, एल्डरली इन इंडिया, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, नई दिल्ली, पृ॰सं॰ 39
गोफमैन, ई., द प्रेजेंटेशन ऑफ सेल्फ इन एवरीडे लाइफ, एंकर बुक्स, पृ॰सं॰ 112
चैधरी, पी.डी., 2005, एजिंग एंड द इंडियन सोसायटी, रावत पब्लिकेशंस, जयपुर, पृ॰सं॰ 99
हेल्पएज इंडिया, 2020, वार्षिक रिपोर्ट, नई दिल्ली, पृ॰सं॰ 21
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, 1999, एनपीओपी दस्तावेज़, भारत सरकार, नई दिल्ली, पृ॰सं॰ 12
ग्रामीण विकास मंत्रालय, 2022, एनएसएपी दिशा-निर्देश, नई दिल्ली, पृ॰सं॰ 9
हेल्पएज इंडिया, 2022, स्टेट ऑफ एल्डरली इन इंडिया रिपोर्ट, नई दिल्ली, पृ॰सं॰ 31