गांधी और सरदार पटेल के दृष्टिकोण में राष्ट्रीय आंदोलन और समाजवाद की भूमिका

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डॉ. किशोर शिवलाल पाटील

Abstract

महात्मा गांधी और सरदार पटेल का दृष्टिकोण भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और समाजवाद के संदर्भ में अनूठा था। गांधी ने समाजवाद को नैतिकता, आत्मनिर्भरता और अहिंसा के सिद्धांतों से जोड़ा, जिसमें ग्रामीण समाज की आत्मनिर्भरता और खादी आंदोलन की केंद्रीय भूमिका थी। उनका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को समाप्त करना था, जिससे हर वर्ग को स्वतंत्रता और समानता मिले। वहीं, पटेल का दृष्टिकोण अधिक व्यावहारिक था, जिसमें एक मजबूत और केंद्रीकृत राज्य की आवश्यकता को महसूस किया गया। उन्होंने भारतीय रियासतों का एकीकरण किया और राष्ट्रीय एकता को प्राथमिकता दी। पटेल का समाजवाद, गांधी के आदर्शवादी दृष्टिकोण के विपरीत, राज्य की शक्ति और प्रशासनिक संरचना के माध्यम से लागू किया गया। दोनों नेताओं ने समाज में सुधार और समानता की दिशा में कार्य किया, लेकिन उनके दृष्टिकोण और कार्यशैली में महत्वपूर्ण अंतर था।

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डॉ. किशोर शिवलाल पाटील. (2025). गांधी और सरदार पटेल के दृष्टिकोण में राष्ट्रीय आंदोलन और समाजवाद की भूमिका. International Journal of Advanced Research and Multidisciplinary Trends (IJARMT), 2(2), 851–864. Retrieved from https://www.ijarmt.com/index.php/j/article/view/308
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