शिक्षा और सामाजिक परिवर्तनः एक नई दृष्टि
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Abstract
शिक्षा एक महत्वपूर्ण साधन है, जो व्यक्तियों को ज्ञान, कौशल, तकनीक और सूचना से संपन्न करती है। यह उन्हें अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझने में सक्षम बनाती है, और समाज में अन्याय, हिंसा, भ्रष्टाचार और अन्य नकारात्मक तत्वों के खिलाफ खड़ा होने की क्षमता विकसित करती है। शिक्षा की भूमिका कई दृष्टिकोणों से देखी जा सकती है, यह लोकतांत्रिक समाज की नींव है, जो नागरिकों को जागरूक बनाती है और उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों का एहसास कराती है। इसके अलावा, यह भू-राजनीतिक स्थिरता प्रदान करती है, जो वैश्विक स्तर पर समृद्धि की दिशा में अग्रसर होती है। आर्थिक विकास में भी शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि यह वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती है और आर्थिक समृद्धि के मार्ग को प्रशस्त करती है। शिक्षा लोगों को आवश्यक ज्ञान देती है, जिससे वह सक्षम और योग्य नेताओं का चयन कर सकें। इसके साथ ही, यह समाज में सहिष्णुता और समरसता को बढ़ावा देती है, जो एक शांतिपूर्ण समाज के लिए आवश्यक है। शिक्षा का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है, कि यह सदस्यों को अतीत की गलतियों से सीखने में मदद करती है, जिससे वे बेहतर निर्णय ले सकें।
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